"बातों से बात बने - तो फिर बात ही क्या है।
आज अच्छे शब्द, अच्छे विचार और शुद्ध व्यवहार की नसीहत करने वालों की कोई कमी नहीँ है...
पर ज़रुरत है पहले उनको खुद पर लागू करने की !
सुनाने से पहिले खुद भी सुनने और मानने की ज़रुरत है। "
(सद्गुरु बाबा हरदेव सिंह जी)
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ReplyDelete❤️🌹🙏🙏🙏
ReplyDeleteSatyavachan
ReplyDelete🙏🙏🙏
ReplyDeleteVery true.🙏🙏
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