कभी देखें न औरों की बुराई - वो नज़र देना
हमेशा ख़ामियां अपनी परखने का हुनर देना
निरोगी तन असीमित मन सही किरदार भी देना
सबर देना - शुकर देना - दुआओं में असर देना
कभी मोहताज़ मत करना मुझे जीवन में ऐ दाता
हैं जितने स्वास 'राजन' पुरसकूं शाम-ओ-सहर देना
" राजन सचदेव "
असीमित मन = विशाल हृदय Open, Broad Mind
किरदार = कर्म Action, Deeds
पुरसकूं = शांतिपूर्ण Peaceful
शाम-ओ-सहर = सायं काल और प्रातः (रात दिन)
🙏🙏🙏
ReplyDeleteAtti sunder!!!!!🙏🌹
ReplyDeleteBeautiful 🙏🙏🙏
ReplyDeleteWah Wah
ReplyDeleteVery nice DHAN NIRANKAR JI
ReplyDeleteWah ji wah kya Kamal ke Ardas
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