हम सब हैं कठपुतली साधो हम सब हैं कठपुतली
कोई गोरी कोई काली साधो कोई मैली कोई उजली
साधो हम सब हैं कठपुतली
ज्यों चाहे ये हम को नचाए
छिन में हंसाए छिन में रुलाए
नाचना होगा उस लय में ही जैसी बजेगी डफ़ली
साधो हम सब हैं कठपुतली
कोई हंस कर कोई रो कर नाचे
कोई पा कर कोई खो कर नाचे
नाच रहे हैं सब उस धुन में जैसे नचावे मुरली
साधो हम सब हैं कठपुतली
अपने बस में कुछ भी नहीं है
जीवन का बस खेल यही है
जैसे राखे रहना होगा बनके इसकी पुतली
साधो हम सब हैं कठपुतली
जिस रंग राखे उस रंग रह लें
जो होता है हँस के सह लें
जीवन धागा बुनना होगा बन के इसकी तकली
साधो हम सब हैं कठपुतली
कौन जाने कब छूटे किनारा
धारा में मिल बन जाए धारा
ढूंढो उसे वो लहर किधर है अभी तो थी जो उछली
साधो हम सब हैं कठपुतली
ज्ञान की नैया गुरु खेवैया
जाना है उस पार रे भैय्या
भीड़ भिड़ैया में दुनिया की देखो जाए न कुचली
साधो हम सब हैं कठपुतली
रब में सब हैं - सब रब माहिं
इस से बाहर कुछ भी नाहिं
इस में जीना इस में मरना ज्यों सागर में मछली
साधो हम सब हैं कठपुतली
उजली चादर बुनने आए
अष्टकमल का चरखा लाए
सत की पूनी, नाम का तकला, सुमिरन की कर सुतली
साधो हम सब हैं कठपुतली
जन्म जन्म से नाच रहे हैं
माया में रच पाच रहे हैं
सदियों से जो उलझी 'राजन' सुलझा लें वो गुथली
रे साधो सुलझा लें वो गुथली
हम सब हैं कठपुतली
साधो हम सब हैं कठपुतली
" राजन सचदेव "
अष्ट कमल = आठ पंखुड़ियों वाला कमल = पाँच तत्व और तीन गुणों से मिल कर बना शरीर
पूनी = कपास की पूनी जिस से चरखे के तकले पर सूत काता जाता है Cotton ball
सुतली = तकले पर काती हुई सूत की अट्टी A roll of yarn spun on a spindle (Used for Spindle or Twine)
रच-पाच = उलझे रहे हैं Entangled in Maya - in illusions
गुथली = गुत्थी
Very deep meaning, Thanks for sharing ji
ReplyDeletebahut hi badhiya
ReplyDelete🙏Excellent.Absolutely true ji .Bahut hee Uttam aur shikhshadayak Rachana ji.🙏
ReplyDelete👍🙏👌very nice ji
ReplyDeleteThanks uncle ji
ReplyDeleteBeautiful 🙏🙏
ReplyDeleteBeautifully scripted Rajanjee🙏
ReplyDeleteVery true this poems 3-4 shares are written by Bekal ji 🙏
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