रुबरु उनसे बात होने लगी
ख़ूबसूरत हयात होने लगी
जब से 'तू तू ' का जाम पीया है
मेरी मैं मैं की मात होने लगी
मिट गए फ़र्क़ तेरे - मेरे के
एक अब अपनी ज़ात होने लगी
जब से तस्लीम का हुनर सीखा (Acceptance)
खुशनुमा क़ायनात होने लगी
जब तवक़्क़ो ही न रही कोई (Expectations)
ग़म से 'राजन ' नजात होने लगी
' राजन सचदेव '
बहर (Meter) तू नहीं ग़म नहीं शराब नहीं (जगजीत सिंह)
ख़ूबसूरत हयात होने लगी
जब से 'तू तू ' का जाम पीया है
मेरी मैं मैं की मात होने लगी
मिट गए फ़र्क़ तेरे - मेरे के
एक अब अपनी ज़ात होने लगी
जब से तस्लीम का हुनर सीखा (Acceptance)
खुशनुमा क़ायनात होने लगी
जब तवक़्क़ो ही न रही कोई (Expectations)
ग़म से 'राजन ' नजात होने लगी
' राजन सचदेव '
बहर (Meter) तू नहीं ग़म नहीं शराब नहीं (जगजीत सिंह)
Very nice Ji 🙏
ReplyDelete🙏🙏
ReplyDeleteSoon gonna record and send it Uncle ji
ReplyDeleteThank you for beautiful words
Bahut khoob
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