Saturday, August 29, 2020

रुबरु उनसे बात होने लगी

रुबरु उनसे  बात होने लगी
ख़ूबसूरत हयात होने लगी 

जब से 'तू तू ' का जाम पीया है 
मेरी मैं मैं की मात होने लगी

मिट गए  फ़र्क़  तेरे - मेरे  के
एक अब अपनी ज़ात होने लगी 

जब से तस्लीम का हुनर सीखा      (Acceptance)
खुशनुमा  क़ायनात होने लगी

जब तवक़्क़ो ही न रही कोई           (Expectations) 
ग़म से 'राजन ' नजात होने लगी
                   ' राजन सचदेव '

बहर  (Meter) तू नहीं ग़म नहीं शराब नहीं (जगजीत सिंह)

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न समझे थे कभी जो - और कभी न समझेंगे  उनको बार बार समझाने से क्या फ़ायदा  समंदर तो खारा है - और खारा ही रहेगा  उसमें शक्कर मिलाने से क्या फ़ायद...