कोयल और कौआ अपनी अपनी भाषा बोलते हैं
इसलिये आज़ाद रहते हैं
किंतु तोता दूसरों की भाषा बोलता है, इसलिए गुलाम बन जाता है
और जीवन भर के लिए एक पिंजरे में क़ैद हो जाता है।
अपनी भाषा और संस्कृति का त्याग करके कोई भी स्वतंत्र नहीं रह सकता।
यदि स्वतंत्र रहना चाहते हो तो अपनी भाषा एवं संस्कृति का त्याग न करें।
अपने विचार, अपनी विरासत और अपने आप पर विश्वास रखिये !
' राजन सचदेव '
इसलिये आज़ाद रहते हैं
किंतु तोता दूसरों की भाषा बोलता है, इसलिए गुलाम बन जाता है
और जीवन भर के लिए एक पिंजरे में क़ैद हो जाता है।
अपनी भाषा और संस्कृति का त्याग करके कोई भी स्वतंत्र नहीं रह सकता।
यदि स्वतंत्र रहना चाहते हो तो अपनी भाषा एवं संस्कृति का त्याग न करें।
अपने विचार, अपनी विरासत और अपने आप पर विश्वास रखिये !
' राजन सचदेव '
Well said
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