जिन्हें फ़िक़र थी कल की - बेवजह वो रोए रात भर
'राजन ' जिन्हें यक़ीं था - चैन से वो सोए रात भर
Jinhen fiqar thi kal ki, be-vajah vo roye raat bhar
'Rajan' Jinhen yaqeen tha chain se vo soye raat bhar
हज़ारों ख़ामियां मुझ में हैं मुझको माफ़ कीजिए मगर हुज़ूर - अपने चश्मे को भी साफ़ कीजिए मिलेगा क्या बहस-मुबाहिसों में रंज के सिवा बिला वजहा न ...
Wonderful ! Amazing ! I understood it !
ReplyDeleteDavid.
How true. But wish it was that easy.
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