Wednesday, March 23, 2016

इक दिन मैंने हवन किया ik Din Maine Havan kiya

बुद्धि की शुद्धि के लिए 
इक दिन मैंने हवन किया 
जिसमें घी और सामग्री के साथ साथ 
काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार की 
भी आहुति दे डाली 

सब कुछ तो जल गया मगर 
मेरा अहम्  ....... 
मेरी मैं 
न जल पाई 
                   (डॉक्टर जगदीश सचदेव) 

Budhi ki Shudhi ke liye
Ik din maine Havan kiya
Jisme Ghee aur Saamagri ke saath saath
Kaam, Krodh, Lobh, Moh aur Ahankaar
 ki bhi Aahuti de daali

Sab kuchh to jal gayaa magar
Mera Aham .......
Meri 'Main' 
Na jal paayi 

                            (By: Dr. Jagdish Sachdeva)



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