Wednesday, May 21, 2025

अर्थव्यवस्था में चोरों का महत्व

एक शिक्षक ने चोरों पर निबंध लिखने को कहा तो एक छात्र ने यह निबंध लिखा:
                             "चोर देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं।"

वैसे तो यह एक मज़ाक लगता है, लेकिन यह एक वास्तव में विचार करने लायक विषय है।

                           " हमारी अर्थव्यवस्था में चोरों का महत्व "
▪️ चोरों की वजह से तिजोरियाँ, अलमारियाँ और तालों की ज़रुरत पड़ती है।
इससे उन्हें बनाने वाली कंपनियों को काम मिलता है।

▪️ चोरों की वजह से घरों की खिड़कियों में ग्रिल होती है, दरवाज़े होते हैं, दरवाजों को बंद रखने के लिए कुंडियां और ताले बनाए जाते हैं और इतना ही नहीं, कई बार बाहर सुरक्षा के लिए अतिरिक्त दरवाज़े भी लगाए जाते हैं।
जिसकी वजह से कितने ही लोगों को काम मिल जाता है। 

▪️ चोरों की वजह से घरों, दुकानों और सोसाइटियों के इर्द-गिर्द एक परिसर बनाया  जाता है; जिन में गेट होते हैं और 24 घंटे एक गार्ड गेट पर रहता है। गार्ड के लिए वर्दी भी ज़रुरी होती है।
सोचिए - इस से कितने लोगों को नौकरी मिल जाती है।

▪️ चोरों की वजह से ही सी सी टीवी कैमरे और मेटल डिटेक्टर ही नहीं बल्कि साइबर सेल भी मौजूद हैं।
इनके कारण इतने सारे लोगों को काम मिल जाता है।

▪️ चोरों की वजह से ही पुलिस, पुलिस स्टेशन, पुलिस चौकियाँ, गश्ती गाड़ियाँ, डंडे, राइफल, रिवॉल्वर और गोलियाँ रखी जाती हैं।
इस से कितने ही लोगों को नौकरी मिल जाती है।

▪️ चोरों की वजह से ही कोर्ट, जज, वकील, क्लर्क और कोर्ट में बेल बॉन्डमैन हैं।
कई लोगों को रोजगार मिलता है।

▪️ चोरों की वजह से ही जेल, जेलर और जेल के लिए गार्ड हैं।
कई लोगों को नौकरी मिलती है।

▪️ जब मोबाइल फोन, लैपटॉप, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, साइकिल और वाहन जैसी चीजें चोरी हो जाती हैं, तो लोग नए खरीदते हैं।
इस खरीद-फरोख्त से देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होती है और कई लोगों को काम मिलता है।

▪️ अगर कोई चोर बहुत मशहूर हो जाता है, तो देश-विदेश का मीडिया भी उसकी स्टोरी कवर करके अपनी आजीविका चलाता है।
सोचिए - इस से कितने लोगों को रोजगार मिलता है।

            (यह बच्चा अर्थशास्त्र में पी एच डी का हकदार है)
                       (इंटरनेट वेब से - स्रोत अज्ञात)

7 comments:

  1. चोर ना होते जगत मे
    जगत होता बिन कारोबार

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  2. Very nice thought

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  3. Therefore thieves deserve respect…

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Jab tak saans chalti hai - As long as the breath continues

      Uthaana khud hee padta hai thakaa toota badan 'Fakhri'       Ki jab tak saans chalti hai koi kandhaa nahin detaa              ...