सुमिरन करले मेरे मना
तेरी बीती उमर हरिनाम बिना
अस्त्र तंत्र बिनु, रैन चंद्र बिनु, धरती मेघ बिना
जैसे तरुवर फल बिन हीना - तैसे नर हरिनाम बिना
कूप नीर बिनु, धेनु छीर बिनु, मन्दिर दीप बिना
जैसे पंडित वेद विहीना - तैसे नर हरिनाम बिना
देह नैन बिनु, जिह्वा बैन बिनु, पंछी पंख बिना
जैसे पूत बाप विहीना - तैसे नर हरिनाम बिना
काम क्रोध अरु लोभ मोह मद त्यागो संत जना
कहत कबीर सुनो भई साधो इस जग में नहीं कोई अपना।
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अस्त्र = दूरगामी शस्त्र जैसे तीर, गोली, मिसाइल इत्यादि
तंत्र = अस्त्र फेंकने वाला यंत्र जैसी तीर के लिए कमान - गोली के लिए पिस्तौल या बंदूक इत्यादि
(जैसे कमान के बिना तीर और बन्दूक के बिना गोली बेकार है )
कूप = कुआं
नीर = जल, पानी
धेनु = गाय
छीर = क्षीर - दूध
मन्दिर = घर, भवन
वेद = ज्ञान
Simr simr simr sukh paao
ReplyDeleteKirpa kare Sahib sab pr
🙏🙏🙏
ReplyDelete🙏🙏
ReplyDelete👌👌👌🙏🙏🙏🙏
ReplyDeleteSunder🙏🙏
ReplyDeleteAbsolutely true.Simran is most important in life.🙏
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