Tuesday, March 18, 2025

सुमिरन करले - बीती उमर हरिनाम बिना

सुमिरन करले मेरे मना 
तेरी बीती उमर हरिनाम बिना

अस्त्र तंत्र बिनु, रैन चंद्र बिनु, धरती मेघ बिना 
जैसे तरुवर फल बिन हीना - तैसे नर हरिनाम बिना

कूप नीर बिनु, धेनु छीर बिनु, मन्दिर दीप बिना 
जैसे पंडित वेद विहीना - तैसे नर हरिनाम बिना

देह नैन बिनु, जिह्वा बैन बिनु, पंछी पंख बिना 
जैसे पूत बाप विहीना - तैसे नर हरिनाम बिना  

काम क्रोध अरु लोभ मोह मद त्यागो संत जना 
कहत कबीर सुनो भई साधो इस जग में नहीं कोई अपना।
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अस्त्र     =    दूरगामी शस्त्र जैसे तीर, गोली, मिसाइल इत्यादि 
तंत्र         =   अस्त्र  फेंकने वाला यंत्र जैसी तीर के लिए कमान - गोली के लिए पिस्तौल या बंदूक इत्यादि 
     (जैसे कमान के बिना तीर और बन्दूक के बिना गोली बेकार है )
कूप          = कुआं 
नीर          = जल, पानी 
धेनु          = गाय 
छीर         = क्षीर - दूध 
मन्दिर      = घर, भवन 
वेद  = ज्ञान 

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कौन सी रात आख़िरी होगी ? Which Night will be the Last one?

न जाने कौन सी बात आख़िरी होगी  न जाने कौन सी रात आख़िरी होगी  मिलते जुलते बात करते रहा करो यारो  न जाने कौन सी मुलाक़ात आख़िरी होगी             ...