Friday, October 18, 2024

एक राजा और वृद्ध बुज़ुर्ग

एक बार एक राजा ने घोषणा की कि जो भी व्यक्ति कोई सयानी - बुद्धिमता वाली बात कहेगा उसे एक हज़ार स्वर्ण मुद्राएँ दी जाएंगी। 

अगले दिन - एक खेत से गुज़रते हुए, उसने एक नब्बे वर्षीय व्यक्ति को जैतून के पौधे रोपते हुए देखा।
राजा ने बूढ़े व्यक्ति से कहा -
जैतून के पेड़ को बढ़ने और फल देने में बीस साल लगते हैं।
तुम इस उम्र में जैतून के पेड़ क्यों लगाना चाहते हो?

बूढ़ा व्यक्ति मुस्कुराया और बोला: दूसरों ने लगाया, और हमने खाया।
अब मैं लगा रहा हूँ, और दूसरे खाएँगे।

यह सुनकर, राजा ने अपने मंत्री से कहा:
यह एक सयानी  और बुद्धिमता पूर्ण बात है - इसे  एक हज़ार स्वर्ण मुद्राएँ दे दो।
बूढ़ा व्यक्ति हंसने लगा।
राजा ने कहा: तुम हँस क्यों रहे हो?
बूढ़े व्यक्ति ने कहा: वैसे तो जैतून का पेड़ बीस साल बाद फल देता है, लेकिन मेरे जैतून के पेड़ ने तो अभी फल दे दिया है।
राजा ने उसे एक हज़ार मुद्राएँ और देने का आदेश दिया।
बूढ़ा व्यक्ति फिर से हँसा ।
राजा ने पूछा: अब तुम फिर क्यों हँसे?
बूढ़े आदमी ने कहा: वैसे तो जैतून का पेड़ साल में एक बार ही फल देता है, लेकिन मेरे जैतून के पेड़ ने तो आज दो बार फल दे दिया। 

राजा ने फिर से एक हजार सिक्के देने का आदेश दिया और एकदम वहाँ से चला गया।
 
मंत्री ने राजा से पूछा - आप इतनी जल्दी क्यों जा रहे हैं?
राजा ने कहा - 
नब्बे साल के लम्बे और उद्देश्यपूर्ण जीवन ने उसे एक ऐसा व्यक्ति बना दिया है जिसका एक एक शब्द मापा और तोला हुआ है - बुद्धिमता पूर्ण है, इसलिए वह अपने हर एक शब्द के लिए पुरस्कार का हकदार है।
लेकिन अगर मैं और अधिक समय तक यहां रुका, तो मेरा पूरा खजाना ही खाली हो जाएगा।
                        (एक फ़ारसी लोक कथा से अनुवादित)

3 comments:

One day, we will too..... Ek din ham bhi ....

During the recent visit of Respected Raj Mami ji and Narinder Mama ji to Chicago, we almost continually talked about Bhapa Ram Chand ji Maha...