Friday, May 11, 2018

इतने बेताब क्यों हैं Itnay Betaab Kyon Hain

इतने बेताब - इतने बेक़रार क्यों हैं 
लोग ज़रूरत से ज़्यादा होश्यार क्यों हैं 

मुँह पे तो सभी दोस्त हैं लेकिन 
पीठ पीछे दुश्मन हज़ार क्यों हैं 

हर चेहरे पे इक मुखौटा है यारो 
लोग ज़हर में डूबे किरदार क्यों हैं 

सब काट रहे हैं यहाँ इक दूजे को 
लोग सभी दोधारी तलवार क्यों हैं  

सब को सब की हर इक खबर चाहिए 
लोग चलते फिरते अखबार क्यों हैं 
                        "अज्ञात "

 Itnay betaab - itnay beqaraar kyon hain 
Log zaroorat say zyaada hoshyaar kyon hain 

Moonh pay to sabhi dost hain lekin
Peeth peechhay dushman hazaar kyon hain 

Har cheharay pay ik mukhauta hai yaaro 
Log zahar me doobay kirdaar kyon hain 

Sab kaat rahay hain yahaan ik doojay ko 
Log sabhi do-dhaari talwaar kyon hain 

Sab ko sab ki har ik khabar chaaahiye
Log chaltay phirtay akhbaar kyon hain 
                             (Unknown)

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