Saturday, September 16, 2017

समझदार - बुद्धिमान कुत्ता

एक शाम गिरिधारी लाल अपनी दुकान बन्द कर ही रहा था कि एक कुत्ता अंदर आ गया 
कुत्ते के मुॅंह में एक बैग था जो उसने काउंटर के सामने फर्श पर रख दिया 
गिरिधारी लाल ने कौतूहलवश उस बैग को खोल कर देखा तो उस में सामान की एक लिस्ट और कुछ पैसे रखे थे 
गिरिधारी लाल ने पैसे लेकर लिस्ट में लिखा सामान उस बैग में भर दिया 
कुत्ते ने बैग मुॅंह मे उठाया और चला गया

गिरिधारी लाल आश्चर्यचकित होकर जल्दी से दुकान बंद करके कुत्ते के पीछे पीछे चल पड़ा -
ये देखने के लिए कि इतने समझदार कुत्ते का मालिक कौन है 
कुत्ता बस स्टाॅप पर जाकर खड़ा हो गया -  थोडी देर बाद जब बस आई तो उसमे चढ़ गया 
गिरिधारी लाल  भी उस बस में चढ़ गया
कंडक्टर के पास जाकर कुत्ते ने अपनी गर्दन आगे कर दी - उस के गले के बेल्ट में पैसे और उसका एड्रेस था 
कंडक्टर ने पैसे लेकर टिकट कुत्ते की कॉलर बेल्ट मे रख दिया
अपना स्टाॅप आते ही कुत्ता आगे के दरवाजे पे चला गया और पूॅंछ हिलाकर ड्राइवर को इशारा किया, 
और बस के रुकते ही उतरकर चल दिया 
गिरिधारी लाल भी उसके पीछे हो लिया 
अपने घर पहुँच कर कुत्ता घर के दरवाज़े को अपने पैरों से खटखटाने लगा।
गिरिधारी लाल बड़े आश्चर्य से ये सब देखता रहा   
तभी मालिक ने ग़ुस्से में बड़बड़ाते हुए दरवाजा खोला और पास पड़ा हुआ एक डंडा उठाकर कुत्ते को मारने लगा 
आष्चर्य-चकित गिरिधारी लाल ने आगे बढ़ कर मालिक को रोका 
और पूछा कि वो इतने समझदार कुत्ते को मार क्यों रहा है - जो उसके लिए इतने सारे काम करके आया है ?
मालिक ग़ुस्से में बोला .. "मेरी नींद ख़राब कर दी - साला घर की चाबी साथ लेकर क्यों नहीं गया?

गिरिधारी लाल सोचने लगा कि जीवन की सच्चाई भी यही है .. 
लोगों की अपेक्षाओं (expectations ) का कोई अन्त नहीं है 
आप कितना भी अच्छा कर लो लकिन जहाँ आप चूके वहीं पर लोग आप की बुराई करने लगते हैं 
और पिछली सारी अच्छाईयों को भूल जाते हैं 

इसीलिए भगवद गीता में भगवान कृष्ण कहते हैं कि "निष्काम भाव से अपने कर्म करते चलो"

लोग तो कभी भी आपसे संतुष्ट नहीं होंगे ।।                                  

7 comments:

  1. Waah very nice learning
    Kumar

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  2. Very nice. It is true there is no end to expectations.

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  3. Very very true. Expectations never ends

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  4. Replies
    1. @ Bhupinder Sethi
      I had heard this story some time ago and wrote in my own words & style.

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Jo Bhajay Hari ko Sada जो भजे हरि को सदा सोई परम पद पाएगा

जो भजे हरि को सदा सोई परम पद पाएगा  Jo Bhajay Hari ko Sada Soyi Param Pad Payega