देखा तुझे तो ऐसा लगा कि मैं भी तेरे जैसा हूँ
फ़र्क़ सिरफ़ इतना ही है तू सागर है मैं क़तरा हूँ
तू है अनादि अनंत है तू - मैं दो पल का किस्सा हूँ
कुल है तू मैं जुज़ ही सही पर आख़िर तेरा हिस्सा हूँ
तू हर शै में ज़ाहिर है मैं अपनी अना में पिनहा हूँ
तू हरदम है साथ मेरे पर फिर भी क्यों मैं तनहा हूँ
कैसा अजब है खेल ये 'राजन ' देख देख मैं हँसता हूँ
तू रहता है मेरे अंदर - मैं तेरे अंदर रहता हूँ
'राजन सचदेव '
सागर Ocean (from Hindi - not Persian)
क़तरा Drop
अनादि Without beginning
अनंत Without end
कुल whole , Complete
जुज़ Part, partial (also without ... as separated)
हर शै में in everything - object, matter or every being
ज़ाहिर Obvious, Evident
अना Ego , Pride
पिनहा Hidden
तनहा Alone
फ़र्क़ सिरफ़ इतना ही है तू सागर है मैं क़तरा हूँ
तू है अनादि अनंत है तू - मैं दो पल का किस्सा हूँ
कुल है तू मैं जुज़ ही सही पर आख़िर तेरा हिस्सा हूँ
तू हर शै में ज़ाहिर है मैं अपनी अना में पिनहा हूँ
तू हरदम है साथ मेरे पर फिर भी क्यों मैं तनहा हूँ
कैसा अजब है खेल ये 'राजन ' देख देख मैं हँसता हूँ
तू रहता है मेरे अंदर - मैं तेरे अंदर रहता हूँ
'राजन सचदेव '
सागर Ocean (from Hindi - not Persian)
क़तरा Drop
अनादि Without beginning
अनंत Without end
कुल whole , Complete
जुज़ Part, partial (also without ... as separated)
हर शै में in everything - object, matter or every being
ज़ाहिर Obvious, Evident
अना Ego , Pride
पिनहा Hidden
तनहा Alone
वाह राजन !🙏🏼🙏🏼🙏🏼👏🏼👏🏼👏🏼
ReplyDelete🙏🏼🙏🏼🙏🏼👍🏽👍🏽👍🏽
ReplyDeleteThank you Dr. Vyas ji
ReplyDeleteTremendous poem ....it's really touch our heart
ReplyDelete