Thursday, September 10, 2015

कभी पत्थर की ठोकर से भी ​Kabhi Pathar Ki Thokar Se Bhi ...

 कभी पत्थर की ठोकर से भी आती नहीं खराश 
कभी इक ज़रा सी बात से इन्सान बिखर जाता है 

​Kabhi Pathar Ki Thokar Se Bhi Aati Nahi Kharash
Kabhi Ek Zara Si Baat Se Insaan Bikhar Jata Hai...!










1 comment:

चल तो पड़े थे बहुत से लोग Many walked beside me - Chal to paday thay

चल तो पड़े थे बहुत से लोग मेरे साथ मगर कुछ रास्ते में बदल गए - कुछ रास्ता ही बदल गए                       " अज्ञात (Unknown) "     ...