Friday, May 24, 2024

सीमा

गलियों, सड़कों और हाईवे पर वाहन चालन की गति सीमा निर्धारित होती है। 
बैंक एवं ए-टी-एम में पैसे जमा करवाने अथवा निकलवाने की सीमा निर्धारित होती है। 
स्कूलों और कॉलेजों में हर कक्षा में पढ़ने और पढ़ाने के लिए समय निर्धारित होता है। 
परीक्षाओं में भी यथोचित उत्तर देने के लिए समय की सीमा निर्धारित होती है। 

लेकिन सोच और विचार की कोई सीमा निर्धारित नहीं है। 
मन की सोच-विचार का दायरा असीमित है। 
सोच चाहे अच्छी हो या बुरी - विचार शुद्ध एवं पवित्र हों या अपवित्र - 
भावनाएं चाहे दूसरों के हित की - सब का भला करने की हों या उनके अहित की - उन्हें कष्ट पहुँचाने की -
इन सब के लिए कोई सीमा निर्धारित नहीं है। 

इन्सान चाहे तो अपने विचारों के ज़रिए खुले आकाश में परवाज़ कर सकता है - 
ऊँची  से ऊँची उड़ान भर सकता है - या फिर पाताल से भी नीचे गिर सकता है। 
इसके लिए प्रकृति की ओर से कोई रुकावट - कोई सीमा निर्धारित नहीं है। 
ये हम पर निर्भर करता है कि हम किस और बढ़ना चाहते हैं 
यदि अपने वर्तमान स्तर से ऊपर उठना चाहते हैं तो अपनी सोच - अपने विचारों को श्रेष्ठ एवं उत्तम बनाने का प्रयास करें। 
शुभ सोचें - शुभ बोलें - शुभ करें - 
      तो बदले  में भी शुभ ही पाएंगे।  
                                                  " राजन सचदेव "

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When the mind is clear

When the mind is clear, there are no questions. But ... When the mind is troubled, there are no answers.  When the mind is clear, questions ...