Saturday, February 20, 2021

मुस्तक़िल क्या है ?

हाल क्या है, माज़ी और मुस्तक़बिल क्या है ?
क्या आसान है दुनिया में और मुश्किल क्या है ?

हर एक शख़्स परेशां सा नज़र आता है 
ग़मे जहां में आख़िर राहते -दिल  क्या है ?

न हुईं ख्वाहिशें पूरी तो इतना रंज क्यों ?
जहां में सब तो अधूरा है मुक़म्मल क्या है?

चलते चलो - कहते हैं कि चलना है ज़िंदगी
अगर ये ज़िंदगी सफ़र है तो मंज़िल क्या है?

ख़ुशी औ' ग़म का मजमूआ है ज़िंदगी मगर 
वो जो रहता है इक सार मुसलसल क्या है ? 
 
ये न सोचो कि क्या खोएंगे और पाएंगे क्या 
सवाल तो है  'राजन 'ये कि मुस्तक़िल क्या है ?
                              " राजन सचदेव  "

               शब्दार्थ :
हाल                     = वर्तमान   Present 
माज़ी                    = भूतकाल , जो गुज़र गया  Past 
मुस्तक़बिल          =  भविष्य , आने वाला समय   Future 
राहते दिल           =  सांत्वना , सहारा , Consolence, Solace, Comfort 
मुक़म्मल              = पूर्ण  Complete
मजमूआ              =  मिश्रण,  मिलाजुला, संयोग  Combination, Blend, Mixture 
इक सार              = एक जैसा , समभाव, In the same state, Equanimous, Uniform 
मुसलसल            =  लगातार , हमेशा, निरंतर   Continuously, Constantly, Consistently  
          भावार्थ ; रहता है इक सार मुसलसल क्या है ?  = आत्मा   Aatma 
मुस्तक़िल          = स्थाई , स्थिर, अविरल, अनंत   Permanent, Unending, Unchanging, Endless, Perpetual 
         भावार्थ : निराकार  ईश्वर     Almighty Supreme Lord

4 comments:

On this sacred occasion of Mahavir Jayanti

On this sacred occasion of Mahavir Jayanti  May the divine light of Lord Mahavir’s teachings of ahimsa, truth, and compassion shine ever br...