Monday, September 12, 2016

मैं सोचता हूँ Main sochtaa hoon

मैं  सोचता हूँ  ज़माने  को  क्या हुआ  या'रब 
किसी के दिल में मोहब्बत नहीं किसी के लिए 

Main sochtaa hoon zamaane ko kya huaa Ya'Rub 

Kisi ke dil me mohabbat nahin kisi ke liye 

                                    

1 comment:

  1. This is true......aaj ka insaan dharam se batak Gaya hai....

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