न पहले सा वो शौक़ है, न जोश है किरदार में
ज़ुबां में वो ताक़त रही न दम रहा गुफ़्तार में
न पहले सी वो सोच है न लुत्फ़ है इज़हार में
न पहले सा जज़्बा रहा न दिल है अख़्तियार में
बदल गई हैं नीयतें - ख़ुदग़रज़ियाँ हैं प्यार में
सीखने की चाह नहीं उलझे हैं सब तक़रार में
बातों में ऊँचे फ़लसफ़े पर दम नहीं इक़रार में
फ़र्क़ नहीं दिखता कोई अपनों में और अग़यार में
न मारफत की लगन है न दिल है इंकसार में
चाहते हैं लोग बस तस्वीर अपनी अख़बार में
लगता है वो सच, जो लिखा हो इश्तिहार में
इसीलिए तो झूठ भी बिक जाता है बाज़ार में
न ज़ौक़ है न शौक़ है न दम है कुछ इसरार में
बे-वजह रहता है दिल हर वक़्त इश्तिकार में
न सबर है न शुकर है दिन रात है अफ़क़ार में
मग़रूर है हर शख़्स अपने हुनर के इफ़्तिख़ार में
मसरूफ है हर कोई देखो अपने कारोबार में
किसको फ़ुरसत है कि देखे किसी दिले अफ़गार में
उलझा है हर आदमी बस ग़मे - रोज़गार में
किसे फ़िकर? क्या हो रहा है आज इस संसार में
कौन चाहता है उलझना किसी आज़ार में
मासूम फँसते जा रहे हैं फंदा ए अय्यार में
न पहले सी सलाहियत ही अब रही अनफ़ार में
कितनी हैं तब्दीलियाँ अब रस्मों में, अतवार में
गाते थे नग़मे कभी तल्बे विसाले-यार में
शौक़ है नुमायशों का आज के फ़नकार में
महरम नहीं कोई किसी काआज केअदवार में
कौन पूछता है दोस्तों को हाले ज़ार में
जज़्बा-ए दिल गुमशुदा है अक़्ल के पिन्दार में
बदल गयी रिवायतें मारफ़त के कारोबार में
बात बस इतनी सी है गर कह दूँ इख़्तिसार में
रूहानियत भी ढलती जा रही अब ब्योपार में
जो भी कहना था वो कह डाला है इन अशआर में
अब यही दुआ है 'राजन' दरगाहे - सरकार में
नज़र में हों नफ़ासतें, ज़ुबान ज़िक्रे-यार में
फ़ितरत में हों सदाक़तें, यक़ीं परवरदिगार में
बक़लम : ' राजन सचदेव '
किरदार Action
गुफ़्तार Speech
इज़हार Communication / Presentation of thoughts
जज़्बा Zeal
अख़्तियार Control
ख़ुदग़रज़ियाँ Selfishness
तक़रार Arguemnets
इकरार promise
अग़यार Others ग़ैर
मारफत Spirituality
इंकसार Humility
इश्तिहार Publicity
ज़ौक़ Zeal
इसरार Determination
इश्तिकार Complaints शिकायतें
अफ़क़ार Worries फ़िक़्र
इफ़्तिख़ार Pride फ़ख़र
मसरूफ Busy
अफ़गार Injured zakhmi ज़ख़्मी
आज़ार Trouble मुसीबत
अय्यार Cunning चालाक
सलाहियत Qualities / virtues
अनफ़ार Masses / People
अतवार Traditions तौर- तरीके
महरम Well-wisher, Sympathetic
अदवार Time / date
हाले ज़ार In trouble
जज़्बा-ए दिल Feelings / emotions of the heart
गुमशुदा Missing / lost
पिन्दार Ego / Pride
रिवायतें Tradions रिवाज़
इख़्तिसार in Brief मुख़्तसर
नफ़ासतें Goodness
फ़ितरत Nature स्वभाव
सदाक़तें Truthfulness सच्चाईयां
बक़लम Written by (From the pen of)
ज़ुबां में वो ताक़त रही न दम रहा गुफ़्तार में
न पहले सी वो सोच है न लुत्फ़ है इज़हार में
न पहले सा जज़्बा रहा न दिल है अख़्तियार में
बदल गई हैं नीयतें - ख़ुदग़रज़ियाँ हैं प्यार में
सीखने की चाह नहीं उलझे हैं सब तक़रार में
बातों में ऊँचे फ़लसफ़े पर दम नहीं इक़रार में
फ़र्क़ नहीं दिखता कोई अपनों में और अग़यार में
न मारफत की लगन है न दिल है इंकसार में
चाहते हैं लोग बस तस्वीर अपनी अख़बार में
लगता है वो सच, जो लिखा हो इश्तिहार में
इसीलिए तो झूठ भी बिक जाता है बाज़ार में
न ज़ौक़ है न शौक़ है न दम है कुछ इसरार में
बे-वजह रहता है दिल हर वक़्त इश्तिकार में
न सबर है न शुकर है दिन रात है अफ़क़ार में
मग़रूर है हर शख़्स अपने हुनर के इफ़्तिख़ार में
मसरूफ है हर कोई देखो अपने कारोबार में
किसको फ़ुरसत है कि देखे किसी दिले अफ़गार में
उलझा है हर आदमी बस ग़मे - रोज़गार में
किसे फ़िकर? क्या हो रहा है आज इस संसार में
कौन चाहता है उलझना किसी आज़ार में
मासूम फँसते जा रहे हैं फंदा ए अय्यार में
न पहले सी सलाहियत ही अब रही अनफ़ार में
कितनी हैं तब्दीलियाँ अब रस्मों में, अतवार में
गाते थे नग़मे कभी तल्बे विसाले-यार में
शौक़ है नुमायशों का आज के फ़नकार में
महरम नहीं कोई किसी काआज केअदवार में
कौन पूछता है दोस्तों को हाले ज़ार में
जज़्बा-ए दिल गुमशुदा है अक़्ल के पिन्दार में
बदल गयी रिवायतें मारफ़त के कारोबार में
बात बस इतनी सी है गर कह दूँ इख़्तिसार में
रूहानियत भी ढलती जा रही अब ब्योपार में
जो भी कहना था वो कह डाला है इन अशआर में
अब यही दुआ है 'राजन' दरगाहे - सरकार में
नज़र में हों नफ़ासतें, ज़ुबान ज़िक्रे-यार में
फ़ितरत में हों सदाक़तें, यक़ीं परवरदिगार में
बक़लम : ' राजन सचदेव '
किरदार Action
गुफ़्तार Speech
इज़हार Communication / Presentation of thoughts
जज़्बा Zeal
अख़्तियार Control
ख़ुदग़रज़ियाँ Selfishness
तक़रार Arguemnets
इकरार promise
अग़यार Others ग़ैर
मारफत Spirituality
इंकसार Humility
इश्तिहार Publicity
ज़ौक़ Zeal
इसरार Determination
इश्तिकार Complaints शिकायतें
अफ़क़ार Worries फ़िक़्र
इफ़्तिख़ार Pride फ़ख़र
मसरूफ Busy
अफ़गार Injured zakhmi ज़ख़्मी
आज़ार Trouble मुसीबत
अय्यार Cunning चालाक
सलाहियत Qualities / virtues
अनफ़ार Masses / People
अतवार Traditions तौर- तरीके
महरम Well-wisher, Sympathetic
अदवार Time / date
हाले ज़ार In trouble
जज़्बा-ए दिल Feelings / emotions of the heart
गुमशुदा Missing / lost
पिन्दार Ego / Pride
रिवायतें Tradions रिवाज़
इख़्तिसार in Brief मुख़्तसर
नफ़ासतें Goodness
फ़ितरत Nature स्वभाव
सदाक़तें Truthfulness सच्चाईयां
बक़लम Written by (From the pen of)
Magnificent...
ReplyDeleteThank you Sherry ji
ReplyDeleteAwesome...
ReplyDeleteAwesome...
ReplyDeleteAwesome 👏🏼👏🏼👏🏼
ReplyDeleteA superb creation .
ReplyDeletesubanallah .
Vijay
This "Heart-winning Ghazal " "dil jeet lene wali" no other words to say.. "Marhaba" "Marhaba"
ReplyDeleteRegards
Kumar
Dhan Nirankar Rajan Ji .
ReplyDeleteVery nice and true.
Sukhdev
Real and touching. Thanks for sharing ji
ReplyDeleteBohot khoob Rajanji. Mazaa aa gayaa.
ReplyDeleteReading it again and again
Very nice ji....dhan nirankar ji
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