राम नाम सुख देत है रीझ भजो या खीझ
ज्यों धरती महिं उगवै उल्टा सीधा बीज
राम का नाम - हरि ईश्वर प्रभु का नाम जैसे भी लिया जाए, सुखदाई ही होता है।
चाहे कोई रीझ के अर्थात प्रेमवश भजे या मजबूरी से -
सुख में भजे या दुःख एवं निराशा की अवस्था में -
भक्ति का फल अवश्य ही मिलता है
जैसे धरती में बीज को सीधा डालो या उल्टा -
समय आने पर वह बीज स्वयं ही पनपने और फल देने लगता है।
" राजन सचदेव "
Absolutely true.Bahut hee Uttam bhav ji.🙏
ReplyDeleteExceptional and awesome thought
ReplyDeleteNamaste Sir, Your poem reminds me of Bhagat Kabir’s writings. Thank you.
ReplyDelete🙏jk
ReplyDeleteVery nice Ji.
ReplyDelete🙏🏼
The Lord always hears,
Whether you call Him in tears or fears;
Try calling Him in cheers,
And watch Him when He appears.
- Ram Nagrani
Thank you Nagrani ji
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