Friday, January 3, 2025

पुराने साल की नसीहत - नए साल की ज़रुरत

ये जाते हुए पुराने साल की नसीहत भी तुम हो  
और आने वाले हर इक साल की ज़रुरत भी तुम हो    (तुम = निरंकार ईश्वर)

कि जो तौफ़ीक़ रखते हैं बना लें Resolution वो       (सामर्थ्य, Capability)
मैं इक अदना सा बंदा हूँ - मेरी हैसीयत भी तुम हो 

सिरफ़ कुछ ख़ास दिन और पल मुक़द्दस मानते हैं लोग   (पवित्र, Auspicious)
मगर मेरे लिए हर काम का मुहूरत भी तुम हो

नज़र आता है जो  वो सब तुम्हारा रुप ही तो है  
छुपी रहती है जो परदे में वो हक़ीक़त भी तुम हो 

जिसे कहते हैं मिथ्या वो भी तेरा अक़्स ही तो है 
जगत माया है लेकिन माया की असलीयत भी तुम हो 

तुम्हारे नूर से रौशन है ख़लकत का हर इक ज़र्रा 
तुम्हीं ख़ालिक़ भी हो क़ादिर भी हो और क़ुदरत भी तुम हो 

तुम्हीं से ही शुरु हो कर तुम्हीं पर ख़त्म हो जाए
तुम्हीं आग़ाज़ हो ख़लक़त का और क़यामत भी तुम हो

मेरी दुनिया तुम्हीं से है - तुम्हीं हो मेरा मुस्तक़बिल       (भविष्य)
मेरे इस लोक और परलोक की अहमीयत भी तुम हो  (महत्ता Importance)

तुम्हीं हो हमसफ़र मेरे - तुम्हीं हो हमनवा मेरे  
मेरी दौलत भी तुम ही हो मेरी वसीयत भी तुम हो 

ये इल्म-ओ-फ़न ये ज़हानत - सभी तेरी इनायत हैं     (इल्म, कला,सोच-विचार)
मेरी फितरत, मेरा किरदार, मेरी क़यादत भी तुम हो     (मार्ग-दर्शन)

सकून-ए-दिल तुम्हीं से है तुम्हीं दिल का सहारा हो 
मेरी अज़मत तुम्हीं से है - मेरी मसर्रत भी तुम हो      (प्रतिष्ठा) (प्रसन्नता) 

तेरी रहमत से ही तो कट रही है ज़िंदगी साहिबा
हर इक मुश्किल का हल भी तुम दुखों में राहत भी तुम हो 

तुम्हारे करम से ही ज़िंदगी है खुशनुमा 'राजन'
मेरी मंज़िल भी तुम ही हो मेरी अक़ीदत भी तुम हो    (श्रद्धा)
                        " राजन सचदेव "

 नोट ---   "तुम" से भाव निराकार परब्रह्म ईश्वर से है 

तौफ़ीक़               = सामर्थ्य, Capability क्षमता
अदना                 = मामूली, सामान्य Ordinary 
हैसियत               = ताक़त, शक्ति, सामर्थ्य, योग्यता Ability  Capacity, Status  
मुक़द्दस               = पवित्र, Auspicious
अक़्स                  = छाया, प्रतिछाया Image 
ख़लकत             = सृष्टि, संसार Universe 
आग़ाज़              = प्रारम्भ, शुरुआत  Beginning 
क़यामत            =   प्रलय, The End 
मुस्तक़बिल       =  भविष्य, Future 
अहमियत          = महत्ता, महत्वपूर्ण  Importance
इल्म                 =  ज्ञान, समझ Knowledge 
फ़न                 = कला, हुनर Talent 
ज़हानत           =  बुद्धि, सोच-विचार 
क़यादत          =  मार्ग-दर्शन, Leadership 
अज़मत           =  सम्मान, प्रतिष्ठा, इज़्ज़त 
 मसर्रत           =   प्रसन्नता, ख़ुशी 
अक़ीदत         =   श्रद्धा 

12 comments:

  1. Beautiful lines- Regards Naveen

    ReplyDelete
  2. Beautiful poem.🙏🙏jk

    ReplyDelete
  3. Wonderful explanation of THE ULTIMATE TRUTH

    ReplyDelete
  4. Tum se Tum tak ka hi to silsilaa hai saaraa

    ReplyDelete
  5. Bahut sundar bhaav Rajan ji.
    Sanjeev khullar

    ReplyDelete
  6. Bahut sundar. 🙏🙏

    ReplyDelete
  7. बहुत कमाल की रचना 🙏🙏❤️🌹

    ReplyDelete
  8. 🙏Complete surrender to Nirankar by a saint.Bahut hee Uttam aur shikhshadayak Rachana.🙏

    ReplyDelete
  9. Really Heart touching and revolutionary thoughts in the spiritual world

    ReplyDelete

  10. Really Heart touching and revolutionary thoughts in the spiritual world
    Eternal journey

    ReplyDelete

पुराने साल की नसीहत - नए साल की ज़रुरत

ये जाते हुए पुराने साल की नसीहत भी तुम हो   और आने वाले हर इक साल की ज़रुरत भी तुम हो      (तुम = निरंकार ईश्वर) कि जो तौफ़ीक़ रखते हैं बना लें...