Thursday, May 28, 2020

बिछड़ के मुझसे तू भी

तुम्हारी  बेरुख़ी  से  मेरे  दिल  में  रोष  तो  होगा 
बिछड़ के मुझसे तू भी ग़म से हमआग़ोश तो होगा 

क्या तुम ये समझते हो कि सारी ग़लती मेरी थी 
रिश्ता टूटा - इसमें  तेरा भी कुछ दोष तो होगा 

हम इतने बुरे ना थे  कि जो  ठुकरा दिया तूने 
अपने फैसले पे तुझ को भी अफसोस तो होगा 

जानता हूँ तुम अपनी अना में रहते हो अक़्सर 
सही और ग़लत का लेकिन तुम्हें भी होश तो होगा 

न कर सके भला मगर किसी का हक़ नहीं छीना 
मेरे  दिल  में  मरते  वक़्त  ये  संतोष  तो होगा 

कभी सबरो क़रार दिल को आ ही जाएगा 'राजन '
ख़्वाहिशों का शोरो गुल कभी ख़ामोश तो होगा 
                        'राजन सचदेव '

रोष                            Resentment, Hurt, Anger
ग़म से हमआग़ोश      Embraced, Gripped with sorrow 
अना                          Ego
         

6 comments:

न समझे थे न समझेंगे Na samjhay thay Na samjhengay (Neither understood - Never will)

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