साथी -घर जाकर मत कहना - संकेतो में बतला देना !!
यदि हाल मेरी माता पूछे तो जलता दीप बुझा देना !
इस पर भी न समझे तो ,दो आंसू तुम छलका देना !!
साथी -घर जाकर मत कहना - संकेतो में बतला देना
यदि हाल मेरी बहना पूछे तो सूनी कलाई दिखला देना !
इतने पर भी न समझे तो राखी तोड़ देखा देना !!
साथी -घर जाकर मत कहना -संकेतो में बतला देना !
यदि हाल मेरी पत्नी पूछे तो मस्तक तुम झुका लेना !
इतने पर भी न समझे तो मांग का सिन्दूर मिटा देना !!
साथी -घर जाकर मत कहना - संकेतो में बतला देना !
यदि हाल मेरे पिता पूछें तो हाथों को सहला देना !
इतने पर भी न समझे तो लाठी तोड़ दिखा देना !!
साथी -घर जाकर मत कहना -संकेतो में बतला देना !
यदि हाल मेरा बेटा पूछे तो सर उसका तुम सहला देना !
इतने पर भी ना समझे तो सीने से उसे लगा लेना !!
साथी -घर जाकर मत कहना - संकेतो में बतला देना !
यदि हाल मेरा भाई पूछे तो खाली राह दिखा देना !
इतने पर भी ना समझे तो सैनिक धर्म बता देना !!
(पुलवामा के शहीद वीर जवानों को समर्पित )
(लेखक - अज्ञात )
यदि हाल मेरी माता पूछे तो जलता दीप बुझा देना !
इस पर भी न समझे तो ,दो आंसू तुम छलका देना !!
साथी -घर जाकर मत कहना - संकेतो में बतला देना
यदि हाल मेरी बहना पूछे तो सूनी कलाई दिखला देना !
इतने पर भी न समझे तो राखी तोड़ देखा देना !!
साथी -घर जाकर मत कहना -संकेतो में बतला देना !
यदि हाल मेरी पत्नी पूछे तो मस्तक तुम झुका लेना !
इतने पर भी न समझे तो मांग का सिन्दूर मिटा देना !!
साथी -घर जाकर मत कहना - संकेतो में बतला देना !
यदि हाल मेरे पिता पूछें तो हाथों को सहला देना !
इतने पर भी न समझे तो लाठी तोड़ दिखा देना !!
साथी -घर जाकर मत कहना -संकेतो में बतला देना !
यदि हाल मेरा बेटा पूछे तो सर उसका तुम सहला देना !
इतने पर भी ना समझे तो सीने से उसे लगा लेना !!
साथी -घर जाकर मत कहना - संकेतो में बतला देना !
यदि हाल मेरा भाई पूछे तो खाली राह दिखा देना !
इतने पर भी ना समझे तो सैनिक धर्म बता देना !!
(पुलवामा के शहीद वीर जवानों को समर्पित )
(लेखक - अज्ञात )
heart touching.. very nicely written
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