एक हाथी नदी में नहा कर वापिस जा रहा था।
जब वह एक तंग रास्ते से निकल रहा था तो उस ने सामने से आते हुए एक सूअर को देखा जो पूरी तरह से कीचड़ में सना हुआ था। हाथी चुपचाप एक तरफ हट गया और उस गंदे सूअर के लिए रास्ता छोड़ दिया। जब वो सूअर आगे निकल गया तो हाथी वापिस सड़क पर आया और अपनी यात्रा को जारी रखा।
बाद में उस अशुद्ध सूअर ने अपने दोस्तों के साथ इस घटना का ज़िक्र करते हुए बड़े घमंड से कहा, "देखो मैं कितना बड़ा और शक्तिशाली हूं; यहां तक कि हाथी भी मुझे देख कर डर गया और सड़क के नीचे - एक तरफ हट कर मेरे लिए रास्ता छोड़ दिया।
यह सुनकर, कुछ हाथियों ने अपने मित्र से सवाल किया और ऐसा करने का कारण पूछा ।
क्या वह सच ही उस सूअर से डर गया था?
हाथी ने मुस्कुरा कर उत्तर दिया, "मैं आसानी से उस सूअर को अपने पैर के नीचे कुचल सकता था, लेकिन मैं साफ था - अभी नहा कर आया था और वह सूअर बहुत गंदा था। रास्ता तंग था - यदि मैं उसके साथ कहीं छू जाता तो मैं भी गंदा हो जाता। और अगर मैं उसे अपने पैर से हटाता या कुचल देता तो भी मेरा पैर गंदा हो जाता। इसलिए उसकी गंदगी से बचने के लिए मैं अलग हट गया और उसके लिए रास्ता छोड़ दिया।"
इस कहानी से पता चलता है:
कि अहसासपूर्ण ज्ञानी आत्माएं डर से नहीं बल्कि नकारात्मकता (negativity) के साथ संपर्क से बचने के लिए ख़ामोश और अलग हो जाती हैं। अपवित्रता को नष्ट करने के लिए मजबूत और समर्थ होते हुए भी उनकी कोशिश केवल अपवित्रता से दूर रहने और स्वयं को पवित्र बनाए रखने की होती है।
हमें हर राय, हर टिप्पणी या हर परिस्थिति पर प्रतिक्रिया करने की आवश्यकता नहीं है।
अफ़वाहों से बचें -
यदि लड़ना भी हो तो अपनी लड़ाई बुद्धिमानी से चुनें ...
और स्वयं को द्रढ़ रखते हुए अपनी यात्रा पर आगे बढ़ते रहें।
' राजन सचदेव '
जब वह एक तंग रास्ते से निकल रहा था तो उस ने सामने से आते हुए एक सूअर को देखा जो पूरी तरह से कीचड़ में सना हुआ था। हाथी चुपचाप एक तरफ हट गया और उस गंदे सूअर के लिए रास्ता छोड़ दिया। जब वो सूअर आगे निकल गया तो हाथी वापिस सड़क पर आया और अपनी यात्रा को जारी रखा।
बाद में उस अशुद्ध सूअर ने अपने दोस्तों के साथ इस घटना का ज़िक्र करते हुए बड़े घमंड से कहा, "देखो मैं कितना बड़ा और शक्तिशाली हूं; यहां तक कि हाथी भी मुझे देख कर डर गया और सड़क के नीचे - एक तरफ हट कर मेरे लिए रास्ता छोड़ दिया।
यह सुनकर, कुछ हाथियों ने अपने मित्र से सवाल किया और ऐसा करने का कारण पूछा ।
क्या वह सच ही उस सूअर से डर गया था?
हाथी ने मुस्कुरा कर उत्तर दिया, "मैं आसानी से उस सूअर को अपने पैर के नीचे कुचल सकता था, लेकिन मैं साफ था - अभी नहा कर आया था और वह सूअर बहुत गंदा था। रास्ता तंग था - यदि मैं उसके साथ कहीं छू जाता तो मैं भी गंदा हो जाता। और अगर मैं उसे अपने पैर से हटाता या कुचल देता तो भी मेरा पैर गंदा हो जाता। इसलिए उसकी गंदगी से बचने के लिए मैं अलग हट गया और उसके लिए रास्ता छोड़ दिया।"
इस कहानी से पता चलता है:
कि अहसासपूर्ण ज्ञानी आत्माएं डर से नहीं बल्कि नकारात्मकता (negativity) के साथ संपर्क से बचने के लिए ख़ामोश और अलग हो जाती हैं। अपवित्रता को नष्ट करने के लिए मजबूत और समर्थ होते हुए भी उनकी कोशिश केवल अपवित्रता से दूर रहने और स्वयं को पवित्र बनाए रखने की होती है।
हमें हर राय, हर टिप्पणी या हर परिस्थिति पर प्रतिक्रिया करने की आवश्यकता नहीं है।
अफ़वाहों से बचें -
यदि लड़ना भी हो तो अपनी लड़ाई बुद्धिमानी से चुनें ...
और स्वयं को द्रढ़ रखते हुए अपनी यात्रा पर आगे बढ़ते रहें।
' राजन सचदेव '
Good Thought about wise ways of life .
ReplyDeletePremjit