ज़ुल्मत के तलातुम से उभर क्यों नहीं जाते
उतरा हुआ है दरिया - गुज़र क्यों नहीं जाते
बादल हो, तो बरसो किसी बे-आब ज़मीं पर
खुशबु हो अगर तुम तो बिखर क्यों नहीं जाते
'अज्ञात '
Zulmat ke Talaatum se ubhar kyon nahin jaate
Utaraa huaa hai dariya- guzar kyon nahin jaate
Baadal ho - to barso kisi be-aab zameen par
Khushbu ho agar tum to bikhar kyon nahin jaate
(Writer Unknown)
ज़ुल्मत Zulmat ........... Oppression, Tyranny, Cruelty
तलातुम Talaatum ......... Strong waves / Flood
वाह बहुत ख़ूब
ReplyDeleteधन्यवाद
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