हाल ही में आदरणीय राज मामी जी और नरिंदर मामा जी के शिकागो टूर के दौरान हर समय भापा राम चंद जी महाराज की ही बातें होती रहीं।
कुछ आत्माएं इतनी दुर्लभ और धन्य होती हैं, कि शारीरिक रुप से इस संसार से जाने के बाद भी उनकी पावन स्मृतियां एवं मधुर यादें लोगों के हृदय में जीवित रहती हैं।
भापा राम चंद जी ऐसी ही एक दिव्य आत्मा थे — एक ऐसा शांत, सरल और प्रेममय व्यक्तित्व, जो ज्ञान विवेक भक्ति और विनम्रता में रचा-बसा था।
उनकी सादगी, उनका अपनापन, और उनकी शांत मुद्रा और विवेकपूर्ण बातें और सिखलाई — हर किसी पर एक गहरा और अमिट प्रभाव छोड़तीं थीं।
जब हम उनके किस्से, पुरानी यादें, और घटनाएँ आपस में साझा कर रहे थे — तो ऐसा लग रहा था मानो वे हमारे बीच ही बैठे हों — मुस्कुराते हुए शांत भाव से हमारी बातें सुन रहे हों, और ख़ामोशी से सबको आशीर्वाद दे रहे हों।
उनकी बातें करने में ही मन में एक ऊर्जा और शांति का एहसास होता था।
इस दौरान मेरे मन में एक विचार बार-बार गूंजता रहा...
कि ऐसे संत केवल समय से बंधे नहीं होते— वे कालातीत अर्थात समय से परे जीते हैं।
उनका जीवन केवल स्मृति - सिर्फ़ एक यादगार ही नहीं - बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक जीवंत मार्गदर्शन बन जाता है।
उन्हें याद करना, उनकी बातें दोहराना — उनके निकट रहने का एक साधन है - उनके प्रकाश को अपने हृदयों में जीवित रखने का एक माध्यम है।
उनकी बातें याद करते करते मेरे मन में एक और विचार उठा - जिसने मुझे अपने बारे में सोचने पर भी बाध्य किया।
विचार आया कि -
"एक दिन हम भी कहानी बन के ही रह जाएंगे
पर कहानी ऐसी हो - कि लोग दोहराते रहें
चेहरे का है क्या - वो तो माटी में मिल जाएगा
बातें मेरी 'राजन' लोग सुनते सुनाते रहें "
" राजन सचदेव "
यकीनन वह स्वयं में एक मिशन रहे उनकी जीवंत उपस्थित रोएं रोएं को पुलकित कर देती है। मुझे भी सद्गुरु माता जी की कृपा से एक टुअर कपूरथला करने का अवसर मिला, तब उनके परिवार से मिलने का मौका मिला जोनल ईंचार्ज कपूरथला गुलशन जी तब चला जिक्र-ए - मुहब्बत भापा जी का... रुह अंतर्तल तक आनंद से सराबोर हो गई। दातार प्रभु निरंकार सद्गुरु कृपा करे ऐसा मुबारक जीवन सभी संतों का हो।
ReplyDeleteKon kehnda hai ke main marr jaawaangaa
ReplyDeletePer Main taa bass apne gharr jaawaangaa
Koti Koti naman to great saint and your devotion towards them .🙏
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