ज्ञान घटे नर मूढ़ की संगत
ध्यान घटे विषयन भरमाए
तेज घटे बहु क्रोध किए *
सुख चैन घटे ईरखा उरझाए
लोभ आवे तो मोह घट जावे **
मित्र घटें निज महिमा गाए
आयु घटे अनुचित भोजन स्यों
बुद्धि घटे बिन पढ़े पढ़ाए
आलस स्यों व्योपार घटे
अभिमान घटे संताप के आए ***
प्रेम घटे नित ही कुछ माँगत
मान घटे नित पर-घर जाए
2.
धन स्यों दुःख दरिद्र मिटे -और
रोग मिटे कुछ औषधि खाए
तिमिर मिटे जब दीप जले
सब वैर मिटें जब मत्सर जाए
ब्रह्म मिले तो भ्रम मिटें
सब पाप कटें हरि नाम ध्याए
संतुष्टि से लोभ मिटे -
अभिमान मिटे जब ज्ञान दृढ़ाए
कहे 'राजन ' सुख चैन मिले
जब छोड़ अनेक इक स्यों चित लाए ****
" राजन सचदेव "
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मत्सर = ईर्ष्या, डाह, Jealousy
* बहुत अधिक क्रोध व्यक्ति के अपने मन की शांति को भंग कर देता है -
और परिणामस्वरुप उसकी आभा - चेहरे की चमक और लालित्य कम हो जाती है।
मन हर समय ईर्ष्या में उलझा रहे तो जीवन में आनंद और शांति कम हो जाती है।
** जब मन में लालच हावी हो जाता है तो भाई-बहनों और करीबी रिश्तेदारों के बीच भी प्यार और स्नेह समाप्त हो जाता है
माता पिता और पूर्वजों की विरासत को बाँटने के समय अक़्सर परिवारों में लड़ाई-झगड़े शुरु हो जाते हैं।
हर समय अपनी प्रशंसा - अपने ही गुण बखान करते रहने से अंततः मित्र भी साथ छोड़ जाते हैं।
*** यदि दुःख- शोक संताप और बिमारी आ जाए तो बड़े बड़ों का अभिमान और गर्व भी टूट जाता है।
**** अनेक की बजाए एक पर एकाग्रता से ध्यान केंद्रित करने से ही जीवन में सफलता प्राप्त हो सकती है
आमतौर पर हमारा मन सभी दिशाओं में भटकता रहता है - हम अपने आस-पास की हर वांछनीय वस्तु को प्राप्त करना चाहते हैं।
लेकिन किसी भी इंसान के लिए हर वांछित वस्तु को पाना संभव नहीं है।
और जब कोई चीज़ हमें नहीं मिलती या कोई घटना अथवा वातावरण हमारी इच्छा के अनुसार नहीं होता - तो हम दुखी हो जाते हैं।
लेकिन जब हम एक सर्वशक्तिमान ईश्वर का ध्यान करने लगते हैं तो हमारा मन भटकना बंद कर देता है।
यह स्थिर और संतुष्ट हो जाता है।
बहुत सी अनावश्यक इच्छाएँ और लालसाएँ समाप्त हो जाती हैं -
और अनायास ही जीवन में अधिक शांति और आनंद आने लगता है।
अति सुंदर
ReplyDeleteभावपूर्ण अभिव्यक्ति
ReplyDeleteमन तृप्त हो गया
ReplyDeleteVery nice Rajanjee 🙏
ReplyDeleteBeautiful
ReplyDeleteMan (mind) ke skoon ke liye bahut hee Sunder aur shikshadayak Rachana ji.🙏
ReplyDeleteबहोत ही सुंदर रचना। आत्ममंथन करने लायक विचार।
ReplyDeleteअति सुन्दर 🙏 JK
ReplyDeleteAtee sunder ji❤️❤️🙏🙏
ReplyDeleteBohat Sunder and sachi baat
ReplyDeleteSimply Beautiful🙏🙏
ReplyDeletebeautiful******
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