Monday, February 6, 2017

Think of the rivers of blood


Think of the rivers of blood, 
spilled by all those generals and emperors -
So that in glory and triumph, 
they could become the momentary masters 
of a fraction of a dot in the universe ......... 
called earth. 

No comments:

Post a Comment

हज़ारों ख़ामियां मुझ में हैं - मुझको माफ़ कीजिए

हज़ारों ख़ामियां मुझ में  हैं   मुझको माफ़ कीजिए मगर हुज़ूर - अपने चश्मे को भी साफ़ कीजिए  मिलेगा क्या बहस-मुबाहिसों में रंज के सिवा बिला वजहा न ...