Friday, May 22, 2015

Kisi ko Makhmal par bhi neend nahin Aati

Kisi ko Makhmal par bhi neend nahin Aati
Pathar par bhi koi chain se sota hai 
                        (Rajan Sachdeva)


किसी को मख़मल पर भी नींद नहीं आती 
पत्थर पर भी कोई, चैन से सोता है   
                                        (राजन सचदेव)




1 comment:

हज़ारों ख़ामियां मुझ में हैं - मुझको माफ़ कीजिए

हज़ारों ख़ामियां मुझ में  हैं   मुझको माफ़ कीजिए मगर हुज़ूर - अपने चश्मे को भी साफ़ कीजिए  मिलेगा क्या बहस-मुबाहिसों में रंज के सिवा बिला वजहा न ...