Monday, May 11, 2015

Jhagade / Quarrels

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क़ुर्ब  के,  ना  वफ़ा  के  होते  हैं 
सारे झगड़े  अना  के  होते  हैं 
              ' फैज़ अहमद फैज़ '




 Qurb ke, Na vafaa ke hote hain 
 Saare JhagadeAnaa ke hote hain 
                                (Faiz Ahmed Faiz)

It’s neither about the relationships nor sincerity

The fights are always about I, me and mine; the ego.




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