पूछो मत शीशे से टूट जाने की वजह
उसने किसी पत्थर को अपना समझ लिया होगा
Poochho mat Sheeshay se toot jaane ki vajah
Usne kisi pathar ko apnaa samajh liya hoga
हज़ारों ख़ामियां मुझ में हैं मुझको माफ़ कीजिए मगर हुज़ूर - अपने चश्मे को भी साफ़ कीजिए मिलेगा क्या बहस-मुबाहिसों में रंज के सिवा बिला वजहा न ...
Beautiful lines. Thanks.
ReplyDeleteRegards
Harvinder
Very nice.
ReplyDeleteWah ji bahut sundar
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