Thursday, February 29, 2024

ये सदी हमको कहाँ ले जाएगी

ये सदी हमको कहाँ ले जाएगी 
तीरगी हमको कहाँ ले जाएगी 

पूछती हैं मछलियों से मछलियां 
ये नदी हमको कहाँ ले जाएगी 

जुगनुओं के जिस्म से निकली हुई
रोशनी हमको कहाँ ले जाएगी 
                  " सुरेंद्र शास्त्री "

तीरगी     = अंधेरा 

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पत्थर में इक कमी है -

पत्थर में इक कमी है -               वो पिघलता नहीं है पर इक ख़ूबी भी है -                वो बदलता नहीं है       ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ न पिघलना...