सफलता प्राप्त करने के लिए
सिर्फ कल्पना ही नहीं
सार्थक कर्म करना भी ज़रुरी है।
ऊपर जाने के लिए
सीढ़ियों को देखना ही पर्याप्त नही है
सीढ़ियों पर चढ़ना भी ज़रुरी है।
पत्थर में इक कमी है - वो पिघलता नहीं है पर इक ख़ूबी भी है - वो बदलता नहीं है ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ न पिघलना...
Right sir!
ReplyDeleteRight mahapurso ji🌹🌹👏🏾👏🏾
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