Tuesday, March 29, 2022

बुद्धि ज्ञान से युक्त रहे - मन अहम भाव से मुक्त रहे

बुद्धि ज्ञान से युक्त रहे 
मन अहम भाव से मुक्त रहे 
और कर्म सदा उपयुक्त रहे 
           तो जीवन सहज सरल सदा आनंदित रहता है 

जो अपने काम में व्यस्त रहे
जो मिला है उसमें तृप्त रहे 
और अपने आप में मस्त रहे 
              तो उसका जीवन शांत - चिंता मुक्त रहता है 

जो मोह माया में ग्रस्त रहे
औरों के सुख से त्रस्त रहे
निज स्वार्थ में आसक्त रहे
             तो उसका जीवन -आनंद से रिक्त रहता है

ईश्वर का आभास  रहे
मन में भक्ति का वास रहे
और सुमिरन स्वास स्वास रहे
          तो मोह माया के जाल से विरक्त रहता है 

जो हर रंग में इक रंग रहे 
मन में न कोई तरंग रहे 
हर समय प्रभु के संग रहे 
           'राजन ' वह परम आनंद में अनुरक्त रहता है 
                                                             " राजन सचदेव "

8 comments:

Life is simple, joyous, and peaceful

       Life is simple.  But our ego, constant comparison, and competition with others make it complicated and unnecessarily complex.        ...