Monday, January 22, 2024

जैसी धारणा वैसा दृश्य

कौन जानता है कि वास्तव में कोई कैसा है
जैसी जिस की धारणा - उसके लिए वैसा है
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किसी की वास्तविकता को कौन जानता है?
कौन जानता है कि असल में कोई कैसा है?
हर व्यक्ति को हम अपनी-अपनी धारणा के अनुसार देखते और समझते हैं।
जैसी हमारी उनके प्रति धारणा है - वैसे ही वे हमें दिखाई देते हैं।

अक़्सर हम अपने मन में हर व्यक्ति की एक ख़ास छवि बना लेते हैं
और एक बार जो छवि हमारे मन में बन गयी -
वे हमें सदैव वैसे ही प्रतीत होते हैं।
                                           " राजन सचदेव "

4 comments:

  1. Absolutely true ji.🙏

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  2. मौलिक प्रश्न है राजन जी क्या सत्य भी धारणा मन पर ही निर्भर रहता है... तो क्या सत्य सार्वभौम रहते हुए भी व्यक्ति की धारणा पर ही रहता है। आप जी जरुर लिखिए इस विषय पर भी

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पत्थर में इक कमी है -

पत्थर में इक कमी है -               वो पिघलता नहीं है पर इक ख़ूबी भी है -                वो बदलता नहीं है       ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ न पिघलना...