Monday, May 29, 2023

रौशनी के साथ मज़ाक़

             सब ने मिलाए हाथ यहाँ तीरगी के साथ
             कितना बड़ा मज़ाक़ हुआ रौशनी के साथ 
                                          वसीम बरेलवी

कभी कभी रौशनी होने के बाद भी हम अंधेरों की तरफ भागते रहते हैं - अंधेरों से ही हाथ मिलाते रहते हैं। 
कितने दुर्भाग्य की बात है कि ज्ञान के प्रकाश के बावजूद भी हम अक़सर भ्रम के अंधेरों में भटक जाते हैं
अंध विश्वास में फंस जाते हैं और उसी में डूबे रहते हैं।  

अविनाशी के ज्ञान के बाद भी हम नाशवान वस्तुओं में आसक्त रहें  - नाशवान के साथ ही जुड़े रहें - 
ईश्वर को पा कर भी माया में ही उलझे रहें - 
तो ये ज्ञान की रौशनी के साथ मज़ाक़ ही होगा। 

तीरगी    =  अँधेरा 

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Life is simple, joyous, and peaceful

       Life is simple.  But our ego, constant comparison, and competition with others make it complicated and unnecessarily complex.        ...