Monday, October 27, 2025

नाम लेते हैं वो

नाम लेते  हैं वो आख़िर क्यों दुश्नाम से       (अपशब्द Disrespect)
जिन से हम मिले हमेशा एहतिराम से   
                                                        (इज़्ज़त से)  

बेक़रारी में न आई नींद रात भर 
दिल उदास था बहुत ही कल की शाम से  

जब मुक़ाबला नहीं मेरा किसी के साथ
क्यों हसद है फिर भी उनको मेरे नाम से 
         (ईर्ष्या)

अब करुं  गिला अगर तो किस तरह करुं 
ग़म दिए हैं उसने कितने एहतिराम से
                             (आदर-सत्कार से)

बेख़ुदी में चाक हो गया था पैरहन 
सी रहा हूँ अब बड़े ही एहतिमाम से 
                                  (सावधानी से)

गर बुरा करे कुई तो बख़्श दो उसे 
क्या मिलेगा तुम को आख़िर इंतकाम से 

कल जो फिरते थे यहां दरवेश की तरह 
आज चल रहे हैं  कितने एहतिशाम से 
                                    (शान शौकत से) 

क्यों नज़र रखते हैं दूसरों  के काम पर 
काम रखना चाहिए बस अपने काम से 

सीख लें अगर हुनर हम बेनियाज़ी का   (अनासक्ति)
ज़िंदगी गुज़रेगी यारो फिर आराम से 

छोड़ दे मालिक पे अपनी ज़िंदगी की डोर 
होंगे मसले हल उसी के इंतज़ाम से 

सच न मिल सकेगा पढ़ने और सुनने से 
मारफ़त मिलेगी रुह के इल्हाम से 
(आध्यात्मिक ज्ञान)           (अंदरुनी प्रेरणा)

झूठ हैं इस दुनिया की ये शान शौकतें 
दिल लगा के देख ' राजन' अब तू राम से 
               " राजन सचदेव "
P S
(लिख रहा था ये ग़ज़ल मैं कल की शाम से 
पेश-ए-ख़िदमत है तुम्हें सादर प्रणाम से)
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
    
दुश्नाम    =  अपशब्द , अपमानजनक, Disrespectful 
इकराम   = इज़्ज़त, मान सम्मान, Respect 
मुक़ाबला   = आमना-सामना, प्रतियोगिता, Competition 
हसद          = ईर्ष्या, जलन, Envy 
एहतिराम    = इज़्ज़त के साथ, मान के साथ, Respectfully 
बेख़ुदी        = नासमझी, लापरवाही, Unconsciously, 
चाक होना    =  फट जाना, टुकड़े टुकड़े, लीरां लीरां 
पैरहन          = तन का कपड़ा, Gown, Cloak, Garment 
एहतिमाम   =  सावधानी से, एहतियात से, Carefully, with great care
इंतकाम      = बदला, Revenge 
दरवेश        =  फ़क़ीर,  भिखारी, दर पे सदा देने वाला, या मांगने वाला Beggar 
एहतिशाम   = वैभव, शान शौकत Delightful
बेनियाज़ी     = अपेक्षा रहित, बेफ़िक्री 
मारफ़त      = आध्यात्मिक ज्ञान, Spiritual wisdom, 
इल्हाम       =  अंदरुनी प्रेरणा  Divine Inspiration

19 comments:

  1. Perfect coordination of words and well written composition!! These words teach us how to deal in practical situations dealing with different kinds of people in the world while maintaining our inner peace and sukoon!!

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  2. बहुत सुन्दर ji wah ji wah 🎊👍

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  3. Wah wah bahut khoob 👍👍👏👏👌👌

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  4. Incredible Rajan ji. My two cents:

    Bhulne ki Mumkin koshish ho jati hai duniyadari ki,
    Naam leta hu jab bhi Ram ka iss jubaan se.

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  5. Waah waah ji -- well written composition ❤️🙏

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  6. Bahut hee sunder aur Uttam 🙏

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  7. Bahut khoob ji - Wah

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  8. Wah wah. Bahut sundar rachana hai

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  9. very nice line on gurmat dhan nirankar ji

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  10. Keya baat hai ji. 👌🙏

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  11. Very profound Rajanjee. I can associate myself with the gist of your message.

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  12. Excellent, beautifully written and expressed. Covered most of the humanly dealing with this life.
    Thanks so much🙏👍👏

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  13. Rajan ji bahut hi sunder ye urdu ki gazal likhi aap ne …. Thanku for sharing 🙏

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  14. पढ़ कर रूह खुश हो गई, आपके कलाम से!!🙏🙏🌹🌹💕💕

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  15. अति सुंदर विचार संकलन । कम्पलीट सरेंडर को इतने सुंदर शब्दों में पिरोया है की दिल को छू जाते हैं।
    उसकी रज़ा में रहने का आनंद ही महसूस हुआ।
    धन्यवाद भाई साहेब।

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