Saturday, July 5, 2025

कबीर कसौटी राम की, झूठा टिके ना कोई


                  कबीर कसौटी राम की, झूठा टिके ना कोई।
                     राम कसौटी सो सहे, जो मर जीवा होए॥
           अनुवाद:
राम की कसौटी पर कोई भी झूठ या असत्य टिक नहीं सकता।
इस कसौटी को वही सह सकता है जो पहले मर कर फिर जीवित हुआ हो 
  अथवा 
जो इस कसौटी पर खरा उतरता है — वह मृत्यु को भी पार कर जाता है - वह मर कर भी जीवित रहता है।
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अर्थात असत्य, झूठ और माया, राम की कसौटी पर टिक नहीं सकते।
"राम की कसौटी"  सत्य, धर्म और पवित्रता का प्रतीक है।
जो व्यक्ति सत्य और तत्व ज्ञान की कसौटी पर खरा उतरता है, वही वास्तव में मृत्यु को पार कर सकता है — और अमर हो जाता है। 

सद्गुरु कबीर जी कहते हैं कि जैसे सोने की शुद्धता को परखने के लिए कसौटी होती है, वैसे ही आत्मा की शुद्धता को परखने के लिए ‘राम की कसौटी’ है — अर्थात् तत्व-ज्ञान, सत्य का बोध।
जैसे सोने को कसौटी पर रगड़कर उसकी असलियत जानी जाती है — वैसे ही हमारे जीवन की सच्चाई, हमारे विचारों और कर्मों की पवित्रता, इस दिव्य कसौटी पर परखी जाती है। 

यहाँ 'राम' सिर्फ एक व्यक्ति या देवता नहीं हैं।
राम एक प्रतीक हैं — सत्य, धर्म, पवित्रता और तत्व-ज्ञान का प्रतीक।
कबीर जी कहते हैं कि सत्य के सामने झूठ, अहंकार, दिखावा या प्रपंच इत्यादि नहीं ठहर सकते। वे स्वयंमेव ही उजागर हो जाते हैं। सत्य के प्रकाश में उनका अस्तित्व टिका नहीं रह सकता। 
केवल वही व्यक्ति इस कसौटी को सह सकता है, जो भीतर से सच्चा, निर्मल और पवित्र  हो — जो आध्यात्मिक रुप से जागृत हो।

"जो मर जीवा होए"  का अर्थ है - अहंकार की मृत्यु, माया अर्थात भ्रम एवं अन्धविश्वास की मृत्यु, तथा आत्म-मोह की मृत्यु। मानो वह मरकर फिर से एक नए रुप में जन्म ले चुका हो।
यह एक संकेत है — उस व्यक्ति की ओर जो अहंकार और माया को त्यागकर नया जन्म लेता है — आत्मिक पुनर्जन्म। 

ऐसा व्यक्ति राम से जुड़ा रहता है — 
वह सत्य से एकाकार होता है और मोक्ष पदवी को प्राप्त कर लेता है। 
वह आत्मा परम सत्य में विलीन हो जाती है।
बेशक उसका शरीर तो नश्वर है, पर उसका सत्य पर आधारित और सद्गुणों से जुड़ा हुआ जीवन चिरस्थायी बन जाता है और वह वास्तव में कभी नहीं मरता।

कबीर जी का यह संदेश आज के युग में और भी अधिक उपयुक्त लगता है — जहाँ बाहरी चमक और नकली दिखावा सत्य से ज़्यादा मूल्यवान प्रतीत होते हैं।
इस दोहे में कबीर जी हमें सत्य मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं।
वे कहते हैं: “राम से जुड़ो, सत्य से जुड़ो — तब ही तुम्हारा जीवन सच्चा और अमर बन सकेगा। 
                                               " राजन सचदेव "

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Life is simple, joyous, and peaceful

       Life is simple.  But our ego, constant comparison, and competition with others make it complicated and unnecessarily complex.        ...