Saturday, May 3, 2025

जब मन में शांति हो

"बाहरी दुनिया तभी सुंदर लगती है जब भीतर की दुनिया शांत हो।"

जब हमारे भीतर शांति होती है, तो बाहर की दुनिया भी सुंदर लगने लगती है।  
जब हमारा आंतरिक संसार शांत होता है — 
इच्छाओं, भय और दुविधाओं से मुक्त होता है — तब हम अपने आसपास की हर चीज़ को एक नए दृष्टिकोण से देखने लगते हैं।  
जब अंदर का तूफ़ान शांत हो जाता है, तो आकाश भी स्वच्छ दिखने लगता है।  
जब मन स्थिर हो जाता है, तो मौन भी संगीत लगता है — अनहद नाद का संगीत। 

ये बदलाव बाहरी दुनिया में नहीं - बल्कि हमारी दृष्टि से आता है — 
हमारे देखने का नज़रिया बदल जाता है। 
एक जागृत आत्मा हर तरफ और हर चीज़ में परमात्मा को देखने लगती है।
जब हृदय सत्य से जुड़ जाता है, तो संपूर्ण सृष्टि एक ही परम सत्य का रुप प्रतीत होने लगती है।  
भीतर की समरसता ही बाहर की समरसता को जन्म देती है — और संसार सुंदर लगने लगता है।  
                                          " राजन सचदेव "

5 comments:

  1. Yeh adyatmik jagriti agar har manav mai aaye to sansar mai prem ar nirvairta ka bhav aayega
    Bhut dhnyavad aap ji ka itna sundar vivran dene k liye

    ReplyDelete
  2. यकीनन 🌺 मन जब अपने मूल की ओर लौटता है-तो स्वतः यह घटित होता है। मन का मूल परमात्म तत्व है और परमात्म तत्व का आना सद्गुरु की बख्शिश से संभव है। इसलिए आप संतो का संग और आशीर्वाद जरुरी है। 💞

    ReplyDelete
  3. Ek dum satbachan ji🙏🙏

    ReplyDelete

Life is simple, joyous, and peaceful

       Life is simple.  But our ego, constant comparison, and competition with others make it complicated and unnecessarily complex.        ...