Saturday, January 21, 2023

गर मांगने से मिल जाता

गर मांगने से मिल जाता तो हर शख़्स कामयाब होता
न होती क़दर किसी हुनर की, न कोई लाजवाब होता
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सालों-साल से हम मांग रहे हैं और प्रार्थना करते जा रहे हैं  -
कि हे प्रभु ...मुझे एक बेहतर इंसान बना दो । 
मुझे और अधिक आध्यात्मिक - अधिक सहिष्णु, धैर्यवान - दयालु और बड़े दिल वाला बना दो । 
मुझे संतुष्ट, सुखी और शांतिपूर्ण बनाने की कृपा करो।"

और हम आज भी वही मांग रहे हैं।
अब भी हर बार हम वही प्रार्थनाएं - वही अरदासें किये जा रहे हैं।
इसका सीधा सा अर्थ यह है कि अभी तक ऐसा नहीं हो सका -  जो हम चाहते थे वह अभी तक पूरा नहीं हुआ।
हमें इस बारे में भी सोचना चाहिए - कि आखिर अभी तक भी ये सब क्यों नहीं हो सका? 
शायद, हमे स्वयं भी कुछ करने की ज़रुरत है। 
हम जो पवित्रता और सद्गुण चाहते हैं, उन्हें प्राप्त करने के लिए हमें स्वयं भी कुछ प्रयास करना पड़ेगा।
क्योंकि केवल चाहने या मांगने से ही संसार में कोई चीज़ प्राप्त नहीं हो जाती।
यदि ऐसा होता, तो हर शख़्स अमीर - कामयाब, सुखी और प्रसन्न होता -  सभी महान - दयालु, उदार और परोपकारी होते।
लेकिन ऐसा नहीं है। 
क्योंकि कुछ पाने के लिए हर इंसान को कुछ प्रयत्न तो करना ही पड़ता है। 
                                                " राजन सचदेव "

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Life is simple, joyous, and peaceful

       Life is simple.  But our ego, constant comparison, and competition with others make it complicated and unnecessarily complex.        ...