अपने अंदर झांकें कौन ?
ढूंढ़ रहे हैं सब में कमियां
अपने मन को जांचे कौन?
सब कहते हैं दुनियाँ सुधरे
खुद को मगर सुधारे कौन ?
पर उपदेश कुशल बहुतेरे
अपने कर्म विचारे कौन ?
हम सुधरें - तो जग सुधरेगा
लेकिन ये स्वीकारे कौन?
सुख तो सुबह की तरह होता है मांगने से नहीं -- जागने पर मिलता है ~~~~~~~~~~~~~~~ Happiness is like the morning It comes by awakening --...
Jai Gurudev 👏🙏🏾👏! Atishaya Sunder 👏🙏🏾👏
ReplyDeleteSaari duniya sudhar jayegi apna agar sudhar je kariye
ReplyDeleteExcellent Sir 🙏🏿
ReplyDelete