Friday, June 4, 2021

समर्पण अर्थात परिस्थितियों को स्वीकार कर लेना

जब हम किसी अवांछित घटना को स्वीकार नहीं करते
तो वह निराशा और क्रोध बन जाती है।
जब हम इसे स्वीकार कर लेते हैं - तो यह सहिष्णुता बन जाती है।

जब हम अनिश्चितता को स्वीकार नहीं करते तो वह भय बन जाता है।
जब हम इसे स्वीकार कर लेते हैं - तो यह एडवेंचर एवं साहस बन जाता है।

जब हम अपने प्रति दूसरों के बुरे व्यवहार को स्वीकार नहीं करते
तो वह घृणा बन जाती है।

जब हम इसे स्वीकार कर लेते हैं - तो यह क्षमा बन जाती है।

जब हम दूसरे की सफलता को स्वीकार नहीं करते 
तो वह ईर्ष्या बन जाती है।
जब हम इसे स्वीकार कर लेते हैं - तो यह प्रेरणा बन जाती है।

परिस्थितियों को स्वीकार कर लेना अर्थात समर्पण ही सफल जीवन की कुंजी है।

4 comments:

  1. Hindi Translation Bahut Help karti hai..... You are great

    ReplyDelete
  2. Thank you Anil ji - it's hard to write in both languages everyday - but I will try to do it more often

    ReplyDelete
  3. Beautiful analogy
    to live peaceful life !!!

    ReplyDelete
  4. Dhan Nirankar.
    Very true. 🙏🙏🙏🙏

    ReplyDelete

Life is simple, joyous, and peaceful

       Life is simple.  But our ego, constant comparison, and competition with others make it complicated and unnecessarily complex.        ...