एक मैं ही समझदार हूँ बाकी सब नादान
इसी भ्रम में घूम रहा है देखो हर इंसान
Ek main hee samajhdaar hoon baaki sub nadaan
Isi Bharam me ghoom rahaa hai dekho har insaan
पत्थर में इक कमी है - वो पिघलता नहीं है पर इक ख़ूबी भी है - वो बदलता नहीं है ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ न पिघलना...
Hazoor baba ji aksar फरमाते थे ........मारा गया जिसने कहा मैं बड़ा।
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