Monday, August 31, 2020

दिल के बहलाने को 'ग़ालिब' ये खयाल अच्छा है

हुस्न -ए-माह ग़र्चे बहँगाम-ए-कमाल अच्छा है  
उससे मेरा माहे-ख़ुरशीदे -जमाल अच्छा है

और बाज़ार से ले आए अगर टूट गया
साग़रे जम से मेरा जामे-सि़फाल अच्छा है

बेतलब दें तो मज़ा उसमें सिवा मिलता है

वो गदा जिसको न हो ख़ू-ए-सवाल अच्छा है

हम-सुख़न तेशे ने फ़र्हाद को शीरीं से किया

जिस तरह का भी किसी में हो कमाल अच्छा है

क़तरा दरिया में जो मिल जाए तो दरिया हो जाए

काम अच्छा है वो जिसका कि मुआल अच्छा है

बोसा देते नहीं और दिल पे है हर लह्ज़ा निगाह

जी में कहते हैं कि मु़फ्त आए तो माल अच्छा है

उनके देखे से आ जाती है मुँह पे जो रौनक

वो समझते हैं कि बीमार का हाल अच्छा है

देखिए पाते हैं  उशाक़ बुतों से क्या फ़ैज़ 

इक बिरहमन ने कहा है ये साल अच्छा है

हमको मालूम है जन्नत की हक़ीक़त लेकिन

दिल के बहलाने को 'ग़ालिब' ये खयाल अच्छा है
                ~ मिर्ज़ा असद उल्लाह ख़ान 'ग़ालिब' ~ 

Meanings
हुस्न-ए-माह = चाँद का हुसन
बहँगाम-ए-कमाल = पूरे जोबन पर यानि पूर्णमासी की रात में
मेरा माहे-ख़ुरशीदे-जमाल = मेरे चाँद का सूर्य की तरह चमकता हुआ चेहरा
साग़रे-जम = बादशाह जमशेद का रत्न जड़ित प्याला जो कभी ख़ाली नहीं होता था
मेरा जामे-सि़फाल = मेरा मिट्टी का प्याला 

गदा = ग़रीब
ख़ू-ए-सवाल = मांगने की आदत - जिसे लालच न हो
मुआल = परिणाम Outcome, Result
उशाक़ = आशिक़ का बहुवचन (plural)
बुतों से = हसीनों से
फ़ैज़ = फ़ायदा , लाभ


                   बेतलब दें तो मज़ा उसमें सिवा मिलता है
                   वो गदा जिसको न हो ख़ू-ए-सवाल अच्छा है

जब कोई भी चीज़ बिना मतलब के - जिस में किसी तरह की वापसी की कोई तलब न हो - जो किसी भी प्रकार के फल की आशा के बग़ैर दी जाती है तो उसमें ज़्यादा मज़ा होता है। 
और वो ग़रीब - जिसे कोई लालच न हो - जो किसी से कुछ लेने की इच्छा न रखता हो - सम्माननीय एवं आदरणीय है। 
                    
                  और बाज़ार से ले आए अगर टूट गया
                  साग़रे जम से मेरा जामे सि़फाल अच्छा है


जो अपने पास है - चाहे वो मिट्टी का ही क्यों न हो  - दूसरों के सोने चांदी अथवा रत्नजड़ित बर्तनों या गहनों से ज़्यादा अच्छा है। 
अर्थात दूसरों से ईर्ष्या करने की बजाए यदि मन में संतोष की भावना हो तो जीवन में शांति बनी रहती है। 

1 comment:

सुख मांगने से नहीं मिलता Happiness doesn't come by asking

सुख तो सुबह की तरह होता है  मांगने से नहीं --  जागने पर मिलता है     ~~~~~~~~~~~~~~~ Happiness is like the morning  It comes by awakening --...