एक अल्पज्ञ - एक नासमझ व्यक्ति भी विद्वान और प्रतिभाशाली बन सकता है
जब वह यह स्वीकार कर लेता है कि वह नासमझ है
और ज्ञान एवं प्रतिभा प्राप्त करने का यत्न करने लगता है।
और दूसरी तरफ - एक विद्वान व्यक्ति भी मूर्ख बन जाता है
जब वह अपने आप को एक महा विद्वान और प्रतिभाशाली व्यक्ति मानने लगता है।
उसका उत्थान - उसकी तरक़्क़ी वहीं रुक जाती है
और वो कभी आगे नहीं बढ़ पाता।
True
ReplyDeleteTrue Ji
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